मप्र की खरादी कला और इस कला के कलाकारों की आखिरकार मप्र सरकार ने सुध ले ली है और हस्त शिल्प विकास निगम ने कला को निखारने के लिए इस कला से जुडे कलाकारों को काम करने के लिए मशीन उपलब्ध करवाने के साथ ही उनको मार्केट देना तय कर लिया है, अब देर है तो सिर्फ मशीनों को हस्त शिल्प विकास निगम के भवन में लगवाकर संचालित किए जाने की, जिसके लिए एमडी हस्त शिल्प विकास विभाग राजीव शर्मा द्वारा श्याेपुूर में बने भवन को खाली किए जाने के िलए कलेक्टर को पत्र लिख दिया है, साथ ही साफ किया है कि भवन जल्द से जल्द खाली कराया जाए, सूत्र बताते हैं कि यदि एनआरएलएम हस्त शिल्प विकास निगम के भवन को खाली नहीं करती है तो फिर उनसे (जिम्मेदार अफसरों से)भवन की निर्माण लागत राशि 56 लाख रुपए वसूल किए जा सकते हैं।
यहां बता दें कि हस्त शिल्प विकास निगम का भवन शहर में शिवपुरी रोड पर मौजूद है, जिसमें वर्तमान में एनआरएलएम के समूह मॉल चला रहे हैं, मगर इनके कारण हस्त शिल्पी दर दर ठोकर खाने को विवश बने हुए हैं और वहां पर लगाने मगाई गई करोडों की मशीने भी धूल खा रही हैं।
भवन खाली न करने पर हो सकती है वसूली
विभागीय सूत्रों ने बताया है कि एनआरएलएम को कुछ समय के लिए यह भवन दिया गया था। लेकिन उसने उसपर परमानेंट ही कब्जा जमा लिया है, जबकि विभाग ने भवन में लगाने के िलए करोडों रुपए की आधा दर्जन मशीने भिजवा दी हैं, जिनपर आधा सैंकडा करीब हस्त शिल्पी काम करके अपना रोजगार कमा सकते हैं। मगर भवन पर कब्जा न रहने की वजह से हस्त शिल्प विकास विभाग अभी इन मशीनों को नहीं लगवा रहा है, यहीवजह है कि यह मशीने धूल खा रही हैं। इसी से नाराज होकर विकस विभाग के एमडी राजीव शर्मा ने श्योपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर भवन खाली करने को कहा है।