
पिंकी शर्मा भोपाल,
मप्र में अब लोगों को शवों को अस्पताल से घर लेकर जाने के लिए परेशान नहीं होना होगा। कारण यह हे कि सरकार अब स्वयं शवों को घर पहुंचाने की योजना बना रही है। इसके लिए वकायदा सरकार एक खाका तैयार करा रही है, जिसमें १०८ एंबूलेंस की तर्ज पर शव वाहनों का संचालन मप्र के सभी ५२ जिलों से किए जाने की योजना है।
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वशर्ते की इसमें कोई बाधा न आए और उसका संचालन ठीक से होना शुरू हो जाए। तो शासन की यह योजना बहुत ही ज्यादा कारगर सावित होगी। बताया जा रहा है कि १०८ एबूलेंस की तर्ज पर शव वाहन संचालन की कांग्रेस सरकार की इस योजना को सैद्धांतिक स्वीकृति भी हो चुकी है, उसके बाद ही योजना का खाका तैयार किया गया है।
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विशेष बात यह है कि शासन की यह योजना पूरीतरह से नि:शुल्क होगी। अस्पताल क्षेत्र से आने वाली सूचना के साथ ही यह गाडी संबधित स्थान अस्पताल पर पहुंच जाएगी। वहां से शव को लेकर रवाना हो जाएगी।
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अभी देना पड़ता है मनमाना पैसा
यहां बता दें कि मप्र के सभी ५२ जिलों में अपवाद स्वरूप किसी शहर विशेष को छोड दें तो शव वाहन लाने ले जाने का कोई साधन नहीं है। ऐसे में इलाज के लिए शहर के निजी और सरकारी अस्पतालों में जब मरीज आते हैं, तो मरीजों को बचा पाना मुश्किल होता है और शव को घर तक ले जाना परिवार के लिए बडी चुनौती होता है, तब वहां मौजूद वाहन चालक मनमाना किराया वसूलते हैं।
जारी होगा टॉल फ्री नंबर
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार यह प्रस्ताव बनकर तैयार हो गया है। इसके तहत हर जिले में एक शव वाहन जिला मुख्यालय पर रहेगा। जिसके संचालन का जिम्मा भोपाल से होगा और एक टॉलफ्री नंबर जारी होगा। जिसपर फोन करके कोई भी व्यक्ति शव अस्पताल से घर तक ले जाने के लिए वाहन को बुलवा सकेगा।
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