
मोनु पचौरी
श्योपुर जिले अगरा थाना प्रभारी प्रीति जादौन ने कोतवाली में अपने पति चन्द्रभान सिंह के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा, बंधक बनाकर मारपीट करने जैसे गंभीर आरोपों में एफआईआर कराई थी। महिला थानेदार कोर्ट में अपने आरोप साबित नहीं कर पाई और न्यायालय ने पति को बाइज्जत बरी कर दिया।
श्योपुर में एक महिला थाना प्रभारी ने अपने ही पति पर दहेज प्रताड़ना व घरेलू हिंसा की झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी। जिला न्यायालय में न्यायाधीश सुरेन्द्र सिंह कुशवाह की अदालत में 10 दिन पहले ही कोतवाली पुलिस ने इस मामले पर चालान पेश किया। थाना प्रभारी के आरोपित पति की तरफ से पैरवी करने वाले वकील समीर पठान ने बताया कि, महिला सब इंस्पेक्टर ने अपने पद व प्रभाव का दुरुपयोग कर एफआईआर करवाई, लेकिन अदालत में एक भी ऐसा सबूत नहीं पेश कर पाईं, जिनमें दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा के आरोप साबित होते हो। इसीलिए कोर्ट ने चन्द्रभान सिंह को सभी आरोपों से बरी कर दिया।
महिला थाना प्रभारी प्रीती जादौन की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने 09 फरवरी 2019 को गुपचुप तरीके से एफआईआर दर्ज की। ।जब एफआईआर दर्ज की गई थी तब फरियादी प्रीति जादौन कोतवाली थाने में पदस्थ थी। विवेचना करने वाली महिला सब इंस्पेक्टर अंजली शर्मा फरियादी की दोस्त थी। अदालत ने पद और प्रभाव के दुरूपयोग में बिना जांच के एफआईआर करना माना। फरियादी ने खुद स्वीकारा की उसका प्रेम विवाह हुआ था, जब विवाह हुआ था तब दोनों बेरोजगार थे। बाद में नौकरी लगने पर दहेज मांगने की बात ठीक प्रतीत नहीं होती है। एफआईआर में महिला सब इंस्पेक्टर ने पति ने कमरे में तीन घंटे बंद रखने और मारपीट करने का आरोप लगाया था। अदालत में उसने स्वीकारा की जब उसे कमरे में बंद किया गया तब उसका पति पूरे समय उसके साथ था। एफआईआर के आरोप और अदालत में हुए बयान मेल नहीं खाए और इसी आधार पर आरोपी को बरी कर दिया गया।
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