श्योपुर व्युरों,
श्योपुर: शहर के स्टेशन रोड स्थित एसबीआइ बैंक लॉकर में जमा ग्राहकों के करीब 15 किलो वजनी सोने के आभूषणों को अपने 2 साथियों नवीन गुप्ता व ज्योति गर्ग के साथ मिलकर पार करने में अहम भूमिका अदा करने वाले मुख्य आरोपित रहे एसबीआई के बर्खास्त कैशियर राजीव पालीवाल की शनिवार की सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद जांच होना शुरू हो गया है बता दें कि स्टेशन रोड स्थित एसबीआइ बैंक लॉकर में जमा ग्राहकों के करीब 15 किलो वजनी सोने के आभूषणों को अपने 2 साथियों नवीन गुप्ता व ज्योति गर्ग के साथ मिलकर पार करने में अहम भूमिका अदा करने वाले मुख्य आरोपित रहे एसबीआई के बर्खास्त कैशियर राजीव पालीवाल की शनिवार की सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। स्वजन राजीव की मौत दिल का दौरा आने की वजह से होना बता रहे हैं, लेकिन पुलिस व डॉक्टरों को मामला संदिग्ध लग रहा था। पुलिस ने शव का पीएम करवाकर स्वजनों को सौंप दिया है।बताया जा रहा है कि, राजीव पालीवाल शनिवार सुबह जिले के देहात थाना क्षेत्र के तिल्लीपुर गांव के शिव मंदिर पर पूजा-पाठ कर रहे थे। इसी दौरान परिक्रमा करते समय वह अचानक से जमीन पर गिर गए। राजीव की गंभीर हालत को देखते हुए उनके स्वजन उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस तरह गायब किया था बैंक लॉकर से सोना
4 अप्रैल 2020 को राजीव पालीवाल ने बैंक प्रबंधन को चाबी खोने की सूचना दी। इससे पहले उन्होंने बड़ी ही होशियारी के साथ लॉकर बंद करने के नाम पर अकाउंटेंट रामनाथ ठाकुर से दूसरी चाबी ले ली। फिर रामनाथ ठाकुर वाली चाबी से लॉकर व स्ट्रांग रूम के दो गेटों के पूरे लॉक बंद ही नहीं किए, केवल अपनी वाली चाबी से तीनों दरवाजों के लॉक लगाए। 7 अप्रैल की सुबह आठ बजे राजीव पालीवाल, नवीन गुप्ता के साथ बैंक में पहुंचा। नवीन गुप्ता वहां काम कर रहे दोनों सफाई कर्मचारियों को सब्जी लाने के बहाने अपने साथ ले गया। इसके बाद राजीव ने मैनेजर के कैबिन में घुसकर सीसीटीवी कैमरों को बंद किया, फिर अपनी चाबी से बंद किए गए स्ट्रांग रूम के दरवाजों व लॉकर के ताले खोले। सोने के पैकेटों को लैपटॉप के दो बैगों में व पेंट की जेबों में रख लिया। इसके बाद नवीन गुप्ता बैंक लौटा तो उसे साथ लेकर निकल गया एसबीआइ बैंक के बर्खास्त कैशियर राजीव पालीवाल अपने पिता हरिशंकर पालीवाल के इकलौते बेटे थे। राजीव की एसबीआइ बैंक में कैशियर की नौकरी होने के अलावा उनके पिता की करोड़ों रुपये की संपति भी उन्हीं के लिए थी, लेकिन लॉकर से सोना चोरी होने के कांड ने उनकी हसती-खेलती जिंदगी को उजाड़कर रख दिया है। उनकी पत्नी अपनी बेटी को लेकर कुछ महीने पहले ही मायके चली गई हैं। इस वजह से जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद राजीव घर पर अपने बुजुर्ग मांता-पिता के साथ तिल्लीपुर में ही रह रहा था। चर्चा है कि, उनके साथियों ने उन्हें किसी मामले में फंसाने के बाद उन्हें ब्लेकमेल करके यह कांड कराया गया है।